हस्तकला या शिल्पकला
कला और शिल्प विभिन्न प्रकार की व्यावहारिक गतिविधियों से संबंधित हैं | ये रचनात्मक अनुशासन में सहायक हैं| गतिविधियों छात्र भाग लेते हैं, सीखते हैं और अपने कौशल का उपयोग करके चित्रकलाएँ वस्तुएं आदि बनाते हैं। व्यावहारिक गतिविधि के दौरान, प्रतिभागी सीधे अपने सीखने में शामिल होते हैं और प्रत्यक्ष व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करते हैं। के.वि.सं. में, काष्ठकला, सिलाई और शिल्पकला जैसे विभिन्न कौशल सीखते हैं।
पीएमश्री के अंतर्गत,सभी विद्यालयों में भित्ति चित्र, म्यूरल,कैनवास पेंटिंग आदि गतिविधियाँ आयोजित की गई हैं, जो छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करती हैं और उनकी रचनात्मक क्षमताओं को बढ़ावा देती हैं।
सांस्कृतिक प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए स्पिक मैके और रूट टू रूट प्रशिक्षण सत्र जैसी पहल आयोजित की गई हैं। इन गतिविधियों का उद्देश्य छात्रों को शास्त्रीय भारतीय कला, संगीत और नृत्य रूपों से परिचित कराना है ताकि वे समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को समझ सकें और सम्मान कर सकें।